NCLT की ये योजना नोएडा अथॉरिटी पर पड़ रही है भारी, हो रहा है करोड़ों का नुकसान

शहर की अधूरी पड़ी परियोजनाओं को को-डेवलपर द्वारा पूरी करने की नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की योजना नोएडा अथॉरिटी पर भारी पड़ती दिख रही है…. NCLT की को-डेवलपर योजना से अथॉरिटी को लगातार घाटा उठाना पड़ रहा है…बकाये की चिंता के बीच NCLT में आने वाले को- डेवलपर के प्रस्ताव का अब नोएडा प्राधिकरण ने विरोध करना शुरू कर दिया है…… प्राधिकरण के मुताबिक NCLT की इस को-डेवेलपर परियोजना के चलते, बकाये की वसूली नहीं हो पा रही है, और जो नए को-डेवलपर, परियोजनाओं से जुड़ रहे हैं वे भी पूरा भुगतान नहीं कर रहे हैं … कुल मिलाकर अटकी परियोजनाओं से प्राधिकरण का पूरा पैसा नहीं आ रहा है….
पहला उदाहरण सेक्टर- 119 की आईवीआरसीएल की परियोजना है…. इस परियोजना का को-डेवेलपर बनने के लिए एनबीसीसी के अलावा प्राइवेट बिल्डर भी कतार में है, लेकिन प्राधिकरण नहीं मान रहा है… प्राधिकरण के मुताबिक को-डेवलपर आने के बाद भी पूरे पैसे आने की संभावना नहीं है… दूसरी ओर इस परियोजना में सुपरटेक भी कतार में है… सुपरटेक चाह रहा है कि यह परियोजना उसे मिल जाए…लेकिन बकाया राशि भुगतान के बाबत कोई बातचीत नहीं हो रही है….आपको बता दें कि आईवीआरसीएल की परियोजना में करीब 250 से 300 करोड़ का बकाया है… कंपनी को आठ टावरों में 1155 फ्लैटों की मंजूरी मिली है….
प्राधिकरण को होने वाले घाटे का दूसरा उदाहरण सेक्टर-16बी के मैक्स एस्टेट लिमिटेड का है.. इस परियोजना के सेटलमेंट में भी प्राधिकरण को घाटा उठाना पड़ा है
यहां प्राधिकरण ने बकाये के 932.68 करोड़ का क्लेम दाखिल किया था… NCLT में 27 फरवरी 2024 को सफल समाधान आवेदक के रूप में मैक्स एस्टेट लिमिटेड के प्रस्ताव को स्वीकृत किया… काफी बातचीत के बाद प्राधिकरण के सामने पहले 325.52 करोड़ फिर 542 करोड़ देने की बात कही गई… ब्याज सहित यह धनराशि 613 करोड़ मिलेगी लेकिन इसके लिए तीन वर्ष लगेंगे… इस पूरे सेटलमेंट में प्राधिकरण को करीब 300 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है