इस AOA अध्यक्ष को हटाने के लिए सोसाइटी के 90% लोग सहमत, अध्यक्ष ने कहा ‘सब मिले हुए हैं’

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राजनीति में एक टर्म होता है ‘राइट टू रिकॉल’… यानि चुने हुए जनप्रतिनिधि को उसके पद से हटाने का अधिकार… सांसद और विधायक के मामले में तो ये अधिकार जनता के पास नहीं है, लेकिन AOA अध्यक्ष के मामले में ये अधिकार सोसाइटी निवासियों के पास है … ग्रेटर नोएडा वेस्ट की एक सोसाइटी ऐसी है जहां के 90% लोगों ने वर्तमान AOA अध्यक्ष को हटाने के पक्ष में वोट किया है… ये सोसाइटी है ग्रेनो वेस्ट की आम्रपाली गोल्फ होम्स सोसाइटी…. ग्रेनो वेस्ट स्थित आम्रपाली गोल्फ होम्स सोसाइटी में एडहॉक AOA के कार्य से संतुष्ट नहीं होने पर लोगों ने रविवार को बैठक आयोजित की…. बैठक में मौजूदा AOA को हटाने के लिए मतदान किया गया…. मतदान में 90 फीसदी लोगों ने AOA को हटाने के पक्ष में वोट किया… सोसाइटी निवासी मतदान के फैसले के आधार पर कोर्ट रिसीवर को फाइल सौंपकर जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग करेंगे…..
दर-असल इस सोसाइटी में महज दो करीब दो माह पहले ही एडहॉक AOA का गठन किया गया था…. इससे पहले बनी AOA के कार्य से निवासी खुश नहीं थे…. जिसके खिलाफ लोगों ने बैठक, विरोध प्रदर्शन और कोर्ट रिसीवर से लगातार शिकायत की…. कोर्ट रिसीवर ने दोबारा से इलेक्शन कर नए एडहॉक AOA का गठन किया…. अब नई AOA कमेटी पर भी निवासियों ने सोसाइटी के रखरखाव में लापरवाही बरतने का आरोप लगाए हैं…. सोसाइटी में AOA अध्यक्ष को मिलाकर करीब 10 लोग कमेटी में है…. जिनमें से कुछ लोगों ने एक सप्ताह पहले कोर्ट रिसीवर से अध्यक्ष दिलीप कुमार के खिलाफ शिकायत की गई थी….अगर नियमों की माने को तो कोई ब्व्ही फैसला लेने के लिए सात लोगों की सहमति की आवश्यकता होती है, लेकिन अध्यक्ष की ओर से मनमर्जी की जा रही है, और एकतरफा फैसला लिया जा रहा है…
वहीं सोसाइटी के AOA अध्यक्ष दिलीप कुमार ने सभी आरोपों को गलत बताया… उन्होंने कहा कि सभी निर्णय बातचीत कर लिए जाते हैं…. जो AOA के सदस्य विरोध कर रहे हैं, वह कभी बैठक में हिस्सा नहीं लेते हैं – विरोध करने वाले सब मिले हुए हैं…. वहीं सोसाइटी निवासी अंशुल पांडे ने बताया कि बैठक में करीब 125 परिवार शामिल हुए…. इसके बाद सभी लोगों से मतदान में भाग लिया मतदान में 90 प्रतिशत लोगों ने मौजूदा AOA को हटाने पर अपनी सहमति जताई….अब मामला कोर्ट रिसीवर के हाथ में हैं.. हांलांकि यहां के लोगों का कहना है कि अगर AOA अपना काम सही तरीके से नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हे अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.

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