बस टर्मिनल अथॉरिटी के लिए बना सिरदर्द, कई योजनाएं फ्लॉप होने बाद अब बनी है ये नई योजना
नोएडा सेक्टर 82 का बस टर्मिनल अथॉरिटी के लिए किसी सिरदर्द से कम नहीं है… इतने बड़े टर्मिनल से सिर्फ पांच बसों का संचालन होता है.. अथॉरिटी ने पूरा बस अड्डा यहां लाने का प्लान किया लेकिन परिवहन विभाग ने पूरा बस अड्डा ट्रांसफर करने से साफ इनकार कर दिया… कई फ्लॉप योजनाएं बनाने के बाद अब इस टर्मिनल के लिए अथॉरिटी ने फिर से एक नई योजना बनाई है… सेक्टर-82 में 157 करोड़ की लागत से बनाए गए बस टर्मिनल के भवन में अस्पताल और होटल संचालित होंगे…. नोएडा प्राधिकरण की नई योजना के तहत कॉमर्शियल, अस्पताल और होटलों के संचालन के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) निकाला जाएगा… अस्पताल और होटल खुलने के बावजूद यहां से बसों का संचालन जारी रहेगा… टर्मिनल में बस संचालन वाले क्षेत्र को छोड़कर बाकी के भाग के उपयोग की योजना तैयार की गई है….
दरअसल, सिटी बस टर्मिनल का उपयोग नहीं होने पर प्राधिकरण ने कई बार अलग-अलग योजनाओं पर इसे चलाने का विचार किया… इससे पहले यहां बैंक्वेट हॉल चलाने की योजना बनाई गई थी… इसके अलावा प्राधिकरण का ऑफिस भी शिफ्ट किया गया… बस टर्मिनल बनने के बाद यहां परिवहन निगम को लाने और बसें चलाने पर मंथन किया गया. लेकिन परिवहन निगम ने पूरा बस अड्डा यहां लाने से इन्कार कर दिया… ऐसे में यहां से केवल पांच बसें चलती रहीं… इसके बाद प्राधिकरण ने इस टर्मिनल का वाणिज्यिक स्पेस बेचने के लिए योजना निकाली गई… सोच यह थी कि अगर वाणिज्यिक दुकानें बिक जाती हैं तो यहां लोगों की आवाजाही बढ़ेगी, लेकिन प्राधिकरण की यह स्कीम भी फेल हो गई… यहां दुकान को लेने कोई आया ही नहीं … इसके बाद खाली पड़ी जगह के उपयोग के लिए फूड फेस्टिवल, सिटी ऑफिस, अपैरल थीम पर प्रदर्शनियों के आयोजन के लिए कार्य योजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए, लेकिन यह योजना भी ठंडे बस्ते में चली गई… अब एक बार फिर से यहां प्राधिकरण ने एक और योजना बनाई है… इसके तहत प्राइवेट ऑपरेटरों को लाने की तैयारी है….
इस टर्मिनल के यूटिलाइजेशन के लिए प्राधिकरण ने इस जगह पर प्राइवेट टैक्सी जैसे ओला उबर के लिए पार्किंग की भी व्यवस्था की.. प्राधिकरण ने सोचा था कि इससे राजस्व बढ़ेगा, लेकिन प्राधिकरण की ये योजना भी फ्लॉप हो गई थी… किसी प्राइवेट टैक्सी संचालक ने इस जगह पर पार्किंग लेने में रूचि नहीं दिखाई..