ग्रेनो प्राधिकरण के सीईओ को सरकारी नोटिस, 24 दिसंबर को हाजिर होने का आदेश, 24 साल पुराना है मामला

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ग्रेनो अथॉरिटी की एक योजना के मुताबिक एक शख्स ने आज से चौबीस साल पहले जमीन के लिए आवेदन किया था.. चौबीस साल बीत गये, लेकिन शख्स को आज तक जमीन नहीं मिली…… परेशान होकर शख्स ने उपभोक्ता अदालत में अपील दायर की जहां से नोटिस जारी करके प्राधिकरण के सीईओ को 15 नवंबर तक जवाब दाखिल करने और 25 दिसंबर को स्वयं हाजिर होने का आदेश दिया गया है… नोटिस में इस बात की भी चेतावनी दी गई है कि अगर सीईओ हाजिर नहीं हुए तो आयोग एकतरफा फैसला सुना देगा…
अब पूरा मामला जान लीजिए… 2500 वर्ग मीटर औद्योगिक भूखंड दिलाने की अपील पर राज्य उपभोक्ता आयोग ने ग्रेनो प्राधिकरण के सीईओ को नोटिस जारी किया है…. 15 नवंबर तक जवाब दाखिल करने और 24 दिसंबर को सुनवाई के दौरान पेश होने का आदेश दिया है… नहीं पहुंचने पर एक तरफा फैसला सुनाने की चेतावनी दी है….दर-असल ग्रेनो प्राधिकरण ने 2000 में प्रगति मैदान में अपना स्टॉल लगाया था… पहले आओ पहले पाओ के आधार पर भूखंड योजना निकाली थी.. इस योजना के तहत महेश मिश्रा ने 500 से 1000 वर्ग मीटर के भूखंड के लिए 28 दिसंबर 2000 में आवेदन किया था… लेकिन भूखंड आवंटन नहीं किया…. 2006 में जिला उपभोक्ता आयोग ने ग्रेनो प्राधिकरण को 1000 वर्ग मीटर भूखंड महेश मिश्रा को आवंटन करने का आदेश दिया था…. आदेश से संतुष्ट नहीं होकर शिकायत कर्ता ने 1000 के बजाए नियमानुसार 2500 वर्ग मीटर भूखंड दिलाने की गुहार लगाई थी…. इसके बाद ने आवंटी की जरूरत के मुताबिक 1000 से 2500 वर्ग मीटर तक भूखंड आवंटित करने का आदेश आयोग ने दिया… इसके बाद भी महेश मिश्र को जमीन का आवंटन नहीं किया गया.. अब आयोग ने प्राधिकरण के सीईओ को नोटिस भेज कर जवाब मांगा है और स्वयं हाजिर होने का आदेश दिया है… हाजिर ना होने की सूरत में आयोग ने एकतरफा फैसला सुनाने की चेतावनी दी है.

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