अपने ही नियम में उलझा प्राधिकरण उठा रहा है नुकसान, बिल्डरों की मौज

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नोएडा प्राधिकरण अपने ही बनाए एक नियम में ऐसा फंसा है कि अब उसे ही नुकसान हो रहा है.. मामला बिल्डरों के बकाए से जुड़ा है.. दर-असल अथॉरिटी बाकीदार बिल्डरों पर डंडा चलाने की तैयारी में था.. लेकिन अमिताभ कांत की सिफारिश लागू होने के बाद बिल्डरों से कहा गया कि वे अपने बकाए का 25% चुका दे तो वे कार्यवाई लिस्ट से बाहर हो जाएंगे … खेल यहीं से शुरू हो गया.. कई बिल्डरों ने 1% के आसपास की रकम जमा करके खुद को कार्यवाई लिस्ट से बाहर कर लिया… इस तरह से बिल्डर खरीदार मामले में बकाया चुकाने के लिए सहमति के खेल में बिल्डर तो पास हो गए, लेकिन प्राधिकरण फेल होता दिख रहा है… नोएडा के 17 बिल्डरों ने पैसे चुकाने की सहमति देने के बाद केवल 57 करोड़ रुपये जमा कराए, जबकि इन पर करीब 4000 करोड़ का बकाया है… वहीं पांच बिल्डर तो ऐसे हैं जिन पर करीब 1145 करोड़ का बकाया है, लेकिन उन्होंने सहमति देने के बाद एक पैसा भी नहीं चुकाया… वहीं जिन बिल्डरों ने सहमति देने के बाद पैसे वापस किए, उन पर सैकड़ों करोड़ का बकाया है… लेकिन वह 25 लाख से दो-चार करोड़ जमा कर प्राधिकरण की कार्रवाई की सूची से बाहर हो गए हैं…. दरअसल, अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के लागू होने के बाद नोएडा प्राधिकरण का जोर रजिस्ट्री पर न होकर केवल बिल्डरों के पैसे जमा करने की सहमति की प्रक्रिया तक सीमित हो गया… प्राधिकरण को ऐसा लगा कि बिल्डर सहमति दे रहे हैं तो पैसे जमा हो जाएंगे.. इसे प्राधिकरण की लापरवाही कहें या कुछ और, लेकिन 17 बिल्डरों ने पैसे वापस करने की सहमति देने के बाद भी चंद पैसे जमा कराए….  प्राधिकरण ने पैसे आने की संभावना को देखते हुए इनको कार्रवाई की सूची से बाहर कर दिया… इसके अलावा पांच बिल्डरों ने तो वादा करने के बाद भी अब तक पैसे जमा नहीं कराए, बावजूद इसके पहले चरण में वह कार्रवाई की लिस्ट से बाहर हैं… इस तरह से बिल्डरों की बल्ले बल्ले हो गई और प्राधिकरण अपने ही बनाए नियम में उलझ कर रह गया है…

 

नीचे दी गई लिस्ट में आप देख सकते हैं कि किस बिल्डर पर कितना बकाया है और उसने कितना चुकाया है.

(बिल्डरों के बकाये और उनकी वापस की गई रकम करोड़ में)

बिल्डर परियोजना बकाया वापसी की गई रकम
मसाजिया इन्फ्राटेक 87 करोड़ 10 लाख
महागुन मीडोज प्राइवेट लिमिटेड 97 करोड़ 69 लाख
अंशिका डेवलपर्स 182 करोड़ 75 लाख
यूनिफार्क प्रोफाइल्स 240 करोड़ 75 लाख
सुपरटेक बिल्डर्स 544 करोड़ 15 लाख
रियलटेक कंस्ट्रक्शन 318 करोड़ 1.9 करोड़
कृष्णा इन्फ्रास्ट्रक्चर 23 करोड़ 8 लाख

 

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